दुनिया के अमीर, औद्योगिक और विकसित कहे जाने वाले देशों का लालच धरती को सबसे ज़्यादा भारी पड़ रहा है. इनमें सबसे आगे है खाड़ी देश, कतर अगर पूरी दुनिया क़तर की तरह प्राकृतिक संसाधनों को खर्च करने लगे तो पृथ्वी एक साल में संसाधनों की जितनी भरपाई कर पाती है उतने संसाधन 11 फरवरी तक ख़त्म हो जाएंगे.