वरिष्ठ वकील एचएस फुलका ने भी #Justice4EveryChild टेलीथॉन में शिरकत की. उन्होंने कहा, 'पीड़ित मुआवजा योजनाओं में कहा गया है कि POCSO मामले इनमें शामिल नहीं हैं. ऐसे मामलों में अंतरिम मुआवजे की आवश्यकता होती है. नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा दायर रिट के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा बदलाव लाया गया. अब जांच एक निर्दिष्ट समय के भीतर होती है. दिल्ली में बच्चों के लिए विशेष अदालतें, बच्चों के अनुकूल कोर्ट हैं. न्याय के साथ-साथ पीड़ितों को अतिरिक्त मानसिक और सामाजिक समर्थन की आवश्यकता है.'