प्राइम टाइम में 26 फरवरी को कुछ बैंकों के शौचालयों का हाल दिखाने के बाद कुछ बैंक हरकत में आए. असर ये हुआ कि इलाहाबाद बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सिडिकेट बैंक और इंडियन बैंक हरकत में आ गया. इन सब ने सर्कुलर भेज कर महिलाओं के हर ब्रांच में सौ फीसदी शौचालय की व्यवस्था करने का ऐलान किया. बैंक अपने विज्ञापनों पर कितना खर्च करते हैं. तीन तीन साल तक स्वच्छता का बैनर टांगे रहे, तब उन्होंने अपनी शाखाओं में महिलाओं या पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय क्यों नहीं बनवाए. तो क्या बैंकों में दिखता है स्वच्छ भारत अभियान?