ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी नागरिकों के साथ पिछले दिनों हुई मारपीट की घटनाओं को नाइजीरियाई बनाम भीड़ के रूप में नहीं बल्कि केवल भीड़ के रूप में देखा जाना चाहिए. क्योंकि ये वही भीड़ है जो कहीं भी सरकार से अलग बन जाती है, कहीं पार्क में घुसकर मारपीट करती है, कहीं सेमिनार हॉल में घुस जाती है और खुद को सरकार समझने लगती है और पिटाई करने लगती है. तो आखिर क्या बात है कि हम जिन्हें अपने ही घरों में किरायेदार रखते हैं उन्हें क्यों दूसरी नजर से देखने लगते हैं.
(साभार : मालिनी कोचुपिल्लई)