कहीं भी आने जाने की रोजमर्रा की दिक्कतें, दफ्तरों तक पहुंचने में मुश्किलात, सुलभ शौचालयों की कमी या ब्रेल में अध्ययन सामग्री की कमी, ये सभी दिव्यांग लोगों के लिए उन अवसरों से वंचित होने के कारण हैं, जो उन्हें समान रूप से उपलब्ध होने चाहिए. क्या इनके बगैर विकास संभव है?