17 से 19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में धर्म संसद के नाम से हुए आयोजन में नफरती भाषण देने के मामले में 76 जाने-माने वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी और नफरती भाषणों पर संज्ञान लेने के लिए कहा है. इसमें कहा गया कि यह भाषण न सिर्फ देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है बल्कि देश में रह रहे करोड़ों मुस्लिम नागरिकों के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है.