छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक महिला ने धान की पराली से सेनिटरी नैपकिन बनाया है. फिलहाल ये प्रयोग अलग-अलग मानकों जांच की प्रक्रिया में है. दावा है कि ये पूरी तरह से डिकंपोज हो सकता है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की मदद से तैयार किया गया ये प्रयोग अगले साल अप्रैल-मई में लॉन्च हो सकता है, जिससे ना सिर्फ महिलाओं को सस्ते हाईजिन का विकल्प मिलेगा बल्कि सफल होने पर ये पराली के प्रदूषण खत्म करने के साथ किसानों की आय भी बढ़ा सकता है.