लॉकडाउन में ठप पड़ी अर्थव्यवस्था का हाल ये है कि बीबीए, एमए, बीएड करने वाले युवा भी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ये वो युवा हैं, जो लॉकडाउन से पहले वॉशिंग पाउडर और बिस्कुट की कंपनी में 8 से 12 हजार रुपये की नौकरी करते थे लेकिन अब 200 रुपये की दिहाड़ी पर मिट्टी पाटने का काम कर रहे हैं. बुलंदशहर में मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले लोगों में 20 से ज्यादा डिग्रीधारी हैं.