भारत में फ्रंटलाइन वर्करों को शुरुआत में ही कोरोना टीका लगा दिया गया था. लेकिन तब टीका नया नया आया था. बहुतों को हिचकिचाहट थी. कई ऐसे डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी थे, जिन्होंने दोनों डोज नहीं ली. शायद उसी का नतीजा है कि दूसरी लहर के नए आकड़ें आए हैं, उनमें बहुत डॉक्टरों की मौत दिख रही है.