उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के एक फैसले पर विवाद शुरू हो गया है. आरोप है कि उपराष्ट्रपति ने अपने निजी स्टाफ के आठ सदस्यों को राज्यसभा सचिवालय के दायरे में आने वाली 20 अलग-अलग कमेटियों में शामिल कर लिया है. इन समितियों में उपराष्ट्रपति सचिवालय में तैनात चार कर्मचारी भी हैं.
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