प्रकाशित: नवम्बर 14, 2014 07:55 PM IST | अवधि: 2:46
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देश के केंद्रीय विद्यालयों में अब तीसरी भाषा के तौर पर जर्मन की जगह संस्कृत की पढ़ाई होगी। इस फ़ैसले के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। सरकार का कहना है कि स्कूलों में जर्मन पढ़ाने का फ़ैसला ही गलत था।