NDTV के साथ साझीदारी में ह्युंडई द्वारा की गई पहल 'समर्थ' के लॉन्च के दौरान अर्जुन पुरस्कार विजेता और पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास ललिनाकेरे यतिराज ने कहा, "प्रतियोगी परीक्षाओं में सिर्फ़ एक बार लिखना होता है, लेकिन खेल में हर मैच शून्य से शुरू होता है..." सुहास यतिराज ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत सिर्फ़ खेल देखने वाला देश नहीं रहा, बल्कि खेलने वाला देश बन गया है. उन्होंने कहा, "पढ़ोगे लिखोगे, होगे नवाब : खेलोगे कूदोगे, होगे लाजवाब..."