बनारस के मणिकर्णिका घाट पर भगवान भोले शंकर के भक्त चिता भस्म की होली खेल रहे हैं. जलती हुई चिताओं के बीच अबीर गुलाल और चिता भस्म से खेली जाने वाली यह होली अनूठी होती है. मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन बाबा भोलेनाथ माता पार्वती का गौना करा कर आते हैं, उस दिन उनके मंदिर में उनके भक्तगण देवता सारे लोग होली खेलते हैं, लेकिन उनके अन्य भक्त भूत-पिशाच अघौरी वहां नहीं आ पाते, लिहाजा दूसरे दिन भगवान शंकर मणिकर्णिका घाट पहुंचते हैं और गंगा में स्नान करने से पहले उनके साथ चिता भस्म की होली खेलते हैं.