सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के छावला इलाके में 2012 में 19 साल की लड़की से सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया, जिन्हें इस मामले HC ने मौत की सजा सुनाई गई थी.