क्या इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर को उनके बोलने की सज़ा दी जा रही है, इंदिरा जयसिंह मानवाधिकार के मामले में या इंसाफ से जुड़े मसले में खुलकर बोलती रही हैं, क्या इसकी वजह से उनके एनजीओ को निशाना बनाया गया है. जवाब कोई मुश्किल नहीं है. सीबीआई ने आज उनके घर और दफ्तर पर छापे मारे हैं. आरोप है कि इंदिरा जयसिंह के एन जी ओ Lawyers Collective ने विदेशों से फंड लेने में नियमों का उल्लंघन किया है। ग़हमंत्रालय को मिली शिकायत के आधार पर एफ आई आर दर्ज हुई है. सीबीआई का कहना है कि इंदिरा जयसिंह ने लायर्स कलेक्टिव से 96 लाख 60 हज़ार रुपये लिए हैं. आनंद ग्रोवर पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी पैसे का दुरुपयोग किया है. भारत के बाहर उसे खर्च किया है. कथित रूप से इस ग्रुप को 2006 से 2014 के बीच 32 करोड़ रुपये मिले हैं. इस दौरान इंदिरा जयसिंह एडिशनल सोलिसिटर जनरल रही थीं. इंदिरा जयसिंह का कहना है कि आनंद ग्रोवर और उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने मानवाधिकार के सवाल को लेकर वर्षों से काम किया है.