कैंसर का अगर समय रहते पता चल जाता है तो इलाज संभव है. बताया जाता है कि 80 फीसदी लोग बचाए जा सकते हैं, लेकिन कोविंड के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान समय पर जांच न कराने और इलाज न कराने की वजह से संकट बड़ा हो चुका है. खासतौर से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है.