यूपी चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो गया है. कल आखिरी दौर का मतदान होना है. हिजाब की बात, दंगे की बात, यूक्रेन की बात, इन तमाम बातों में आम आदमी के मुद्दे थे? क्या सड़क, बिजली, पानी, रोजगार जैसे मुद्दे थे? क्या चुनाव मुद्दों के बजाय जाति, धर्म और जुमलों पर होता है?