शिवसेना नाम और धनुष बाण चुनाव चिन्ह मिलने के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने पहले विधान भवन में शिवसेना दफ्तर और आज लोकसभा में शिवसेना के सांसदों के दफ्तर पर कब्जा जमा लिया है। तो क्या अब बीएमसी की बारी है?