इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है. अपनी याचिका में मुस्लिम लीग ने कहा है कि नागरिकता संशोधन नियम मनमाने हैं और केवल धार्मिक पहचान के आधार पर व्यक्तियों के एक वर्ग को अनुचित लाभ देते हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है.