गोरखपुर और फुलपुर के चुनावी नतीजों ने योगी सरकार के एक साल पूरा होने का जश्न फीका कर दिया है. 19 मार्च को 1 साल पूरा हो रहा है. उसके पहले दो वीआईपी सीटें हारना बड़ा झटका है. सीएम और डिप्टी सीएम की सीट, 28 साल बाद बीजेपी के गढ़ में सेंध. हिंदू महासभा के नेता रहे गोरक्षपीठ के महंत अवैधनाथ जो मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरु थे और 1991 में ये सीट बीजेपी टिकट पर जीते. फिर 1998 ये सीट योगी के पास आई जो यहां से 5 बार सांसद रहे हैं. लेकिन लखनऊ दरबार में बैठते ही गोरखपुर के वोटरों ने अचानक चौंका दिया है. यूपी को बुआ भतीजे का साथ पसंद आया. गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार 21961 वोटों से जीते. सीएम योगी ने कहा एसपी और बीएसपी राजनीतिक सौदेबाजी की वजह से जीती.