बॉम्बे हाइकोर्ट में नवाब मलिक ने हैबियस कॉर्पस अर्जी में अंतरिम राहत के तहत तुरंत रिहाई की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कोई भी अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है. मलिक ने अदालत में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था और अपने खिलाफ दाखिल FIR को भी रद्द करने की मांग की थी.