प्रकाशित: सितम्बर 24, 2015 11:22 PM IST | अवधि: 3:40
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बात मुजफ्फरनगर की जो एक शहर का ही नहीं, एक तकलीफदेह याद का भी नाम है। एक छोटी सी घटना को तूल देते हुए महापंचायतें बुलाई गईं, भड़काऊ भाषण दिए गए और इसके बाद घरों को जलाने, लोगों को मारने की घटनाएं हुईं। वहां जैसे राजनीतिक दल दंगा-दंगा खेलते रहे, बाद में राहत-राहत का खेल खेला।