बिहार में आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है. कोरोना संकट के बावजूद अच्छी तादाद में मतदाता घरों से बाहर निकल कर वोट डाल रहे हैं. इनमें कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास कोई रोज़गार नहीं है तो कुछ ऐसे हैं जिनके पास कुछ महीनों पहले तक तो रोज़गार था, लेकिन लॉकडाउन ने सबकुछ छीन लिया. सासाराम में हमारे सहयोगी आलोक पांडे एक ऐसे ही शख़्स से मिले जो कोरोना काल के पहले तक अच्छी खासी नौकरी करते थे लेकिन लॉकडाउन ने पल भर में बेरोज़गार कर दिया. अब रोज़ी-रोटी के लिए वो चाय बेचने लगे. उसके साथ-साथ तमाम बेरोज़गार युवाओं की शिकायत है कि नेता वादे तो बहुत करते हैं लेकिन काम कुछ नहीं करते.