Bangladesh Violence: लोकतंत्र बचाने के नाम पर बांग्लादेश का लोकतंत्र सरेआम नीलाम होने लगा। जिस शेख हसीना ने चार बार से लगातार जीत हासिल की, उनको बहुत बेआबरू होकर बांग्लादेश छोड़कर जाना पड़ा। जिस संसद भवन में उनहोंने इसी साल पांचवी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, उसी संसद भवन में उनके खिलाफ नारे बाजी हुई। बांग्लादेश बनाने वाले शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियां तोड़ी गईं। ये नाराजगी, ये गुस्सा, ये आक्रोश, इन सबके पीछे क्या है। ये बगावत जिसने बांग्लादेश में लोकतंत्र के चेहरे को लहूलुहान कर दिया, उस बगावत की आग को चिंगारी कौन दिखा रहा था। एनडीटीवी इंडिया आज इस सच की पड़ताल करने जा रहा है कि बगावत के पीछे की इनसाइड स्टोरी क्या है।।