दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूले का आखिरी दिन बीत गया। पहले तो लग रहा था कि ये व्यवस्था एक दिन भी सफलता पूर्वक चल पाएगी या नहीं। लेकिन आखिरी दिन ये भी लगा ये बहुत जल्दी खत्म हो गया। सड़कों पर भीड़ कम मिलती थी, ट्रैफिक जाम नहीं मिलता था, घर जल्दी पंहुचा जा सकता था। प्रदूषण भी कुछ कम हुआ होगा। लेकिन शायद सबसे खास रहा कि दिल्लीवासी एकजुट हुए। शहरियों ने भी पेरशानियों के बावजूद इसका पालन किया। तो क्या ऑड ईवन के बाद लोगों की सोच बदली है?