अयोध्या में राम मंदिर था, जिसे औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में जो मस्जिद गिराई गई, वह बाबरी मस्जिद नहीं थी। पूर्व आईपीएस और कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति किशोर कुणाल ने अपनी नई किताब 'अयोध्या रिविज़िटेड' में यह बात कही है।