शौक और लगन हो तो कमज़ोरियां हुनर बन जाती हैं। देखने में असमर्थ कर्मवीर सेहरावत इस कहावत की शानदार मिसाल हैं। लेकिन कर्मवीर सेहरावत में भी भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की तरह जुनून है और वो उन सबसे अलग भी हैं। क्रिकेट की बेइंतहा चाहत की वजह से कर्मवीर ने रेडियो पर कॉमेन्ट्री सुनना अपना पहला शौक बना डाला। जिस दिन मैच होता है, बस रेडियो पर दिन निकल जाता है। धीरे-धीरे कमेंट्री से इतना लगाव बढ़ गया कि वह खुद उसका अभ्यास करने लग गए। देखें खास रिपोर्ट...