गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पर चर्चा का जवाब दिया. सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 महीने बढ़ाने के लिए बिल और जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन संशोधन बिल 2019 राज्यसभा में पेश किया गया. इसी को लेकर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, 'मैं नरेन्द्र मोदी सरकार की तरफ से सदन के सभी सदस्यों तक ये बात रखना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसे कोई देश से अलग नहीं कर सकता. मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि नरेन्द्र मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है. उन्होंने कहा कि जम्हूरियत सिर्फ परिवार वालों के लिए ही सीमित नहीं रहनी चाहिए. जम्हूरियत गांव तक जानी चाहिए, चालीस हज़ार पंच, सरपंच तक जानी चाहिए और ये ले जाने का काम हमने किया. जम्मू कश्मीर में 70 साल से करीब 40 हजार लोग घर में बैठे थे जो पंच-सरपंच चुने जाने का रास्ता देख रहे थे. क्यों अब तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं कराये गये, और फिर जम्हूरियत की बात करते हैं. मोदी सरकार ने जम्हूरियत को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया है.'