राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ते हुए पीएम मोदी ने कहा, 21वीं सदी के तीसरे दशक का माननीय राष्ट्रपति जी का वक्तव्य हम सभी को दिशा व प्रेरणा देने वाला और देश के लोगों में विश्वास पैदा करने वाला है. इस चर्चा में सदन के सभी माननीय सदस्यों ने बहुत ही अच्छे ढंग से अपने विचार रखे हैं. एक स्वर ये उठा है कि सरकार को सारे कामों की जल्दी क्यों है? हम सारे काम एक साथ क्यों कर रहे हैं? सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने अपनी कविता में लिखा है कि- 'लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं.'