प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले गोडसे प्रेमी सांसद के लिए कहा कि उन्हें कि उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे जाहिर है कि उम्मीद जताई गई कि कार्रवाई होगी. इस बात को महीने से ज़्यादा हो गया है. अब बात करते हैं बल्लेबाज़ विधायक आकाश विजयवर्गीय की, यहां भी प्रधानमंत्री ने बोला किसी का बेटा हो इस तरह की हरकत और भाषा नहीं मानी जा सकती. एक विधायक खोना पड़े तो वही सही। इस बात के 2 दिन बाद मध्यप्रदेश बीजेपी ने एक नोटिस भेजा है जिसपे जवाब आना बाकी है. और अब एक नया कांड, बीजेपी के उत्तराखंड के विधायक प्रणव सिंह चैम्पियन की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं तमंचे पर डिस्को करते हुए नजर आ रहे हैं, ऐसे में तीन सवाल पैदा होते हैं. पहला कि ये कैसी बीजेपी है जो प्रधानमंत्री की ही बात नहीं सुनती? दूसरा सवाल, चैंपियन के खिलाफ निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है लेकिन यही मापदंड आकाश और प्रज्ञा के लिए क्यों नहीं? और तीसरी क्या मनमानी करने वाले सांसद और विधायक नहीं लगा रहे नरेंद्र मोदी की छवि को दाग?