Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में आए 6.0 तीव्रता के भीषण भूकंप ने तबाही मचा दी। 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं। लेकिन इस प्राकृतिक आपदा में भी तालिबानी शासन की क्रूरता सामने आई है। शरिया कानून के कारण रेस्क्यू टीम के पुरुष सदस्यों ने मलबे में दबी महिलाओं को छुआ तक नहीं। 36 घंटे तक महिलाएं मलबे में दबी रहीं, किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की। जब पड़ोसी गांव की महिलाएं पहुंचीं, तब जाकर उन्हें बाहर निकाला गया। शरिया कानून के मुताबिक पुरुषों को गैर-परिचित महिलाओं को छूने की मनाही है, और ऐसा करने पर पत्थर मारकर मौत की सजा तक दी जा सकती है। यही नहीं, अब इलाज में भी महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि तालिबान ने महिलाओं की पढ़ाई और नौकरी पर रोक लगा दी है, जिससे अस्पतालों में महिला डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी है।