न एकतरफा है, न एकरंगा है. न लहर है न कहर है. किसी एक के आदी और अंत होने का मिथक ध्वस्त हो गया लेकिन उसकी जगह कोई नया आदी और अंत नहीं बना. भारत की राजनीति के कई प्रकार के भूत भाग खड़े हुए हैं. मेरी राय में पांच राज्यों के चुनावों का कुल जमा यही जनादेश है. जिस बीजेपी में नेता ही नेता नज़र आ रहे थे वो नेता अपनी बीजेपी को नहीं जीता सके. जिस कांग्रेस में कोई नेता नज़र नहीं आता था, उस कांग्रेस में मुख्यमंत्री चुनना मुश्किल हो रहा है. यह चुनाव अगर कांग्रेस के नाम है तो मिज़ोरम में कांग्रेस ध्वस्त हो गई है. मिज़ो नेशनल फ्रंट की सरकार बन रही है. पूर्वोत्तर के राज्यों में अब कांग्रेस के पास कोई भी सरकार नहीं है.