कोरोना संकटल (Corona crisis) से पहले ही अस्पतालों पर बोझ है और ऊपर से बदइंतजामी लोगों के लिए घातक साबित होती है. निजी अस्पतालों और कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) के बीच तालमेल की कमी की वजह से 31 साल के एक युवक की जान चली गई. 2 अस्पतालों में उसे बेड अलॉट किया गया लेकिन एडमिशन नहीं मिला. नतीजा ये हुआ कि तीसरे अस्पताल में पहुंचते-पहुंचते इतनी देर हो गई कि उसकी मौत हो गई.