प्रकाशित: अगस्त 24, 2021 05:00 PM IST | अवधि: 35:40
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कांग्रेस केबारे में ये कहा जाता रहा कि वो किसी एक विचार या पहचान की पार्टी नहीं है. पूरे देश की विविधता की पहचान वाली पार्टी रही और इसे एक रंगीन शामियाना बताया गया जिसके नीचे तरह-तरह के रंग और विचार एक साथ पलते रहे. लेकिन धीरे-धीरे ये शामियाना फटता-फटता छोटे-छोटे रुमालों में बदल गया. लगता है कि हर कोई एक रुमाल अपने जेब में रखना चाहता है. हालत ये है कि कांग्रेस अपना मौजूदा घर भी ठीक से संभाल नहीं पा रही है.