18th Lok Sabha News: 18वीं लोकसभा के कार्यवाही चलते अभी दो ही दिन हुये हैं पर इसकी शुरुआत से ही साफ हो गया है कि नई इमारत और नई लोकसभा में पुरानी नहीं, नई परंपरायें ही बनायी जायेंगी. आप ये कह सकते हैं कि स्पीकर पद को लेकर देश में पहली बार वाकई में चुनाव होने जा रहा है... ये चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष में आपसी रजामंदी ना होने औऱ टकराव होने के कारण पैदा हुई एक स्थिति है। हालांकि आजाद भारत की लोकसभा के फैक्ट और रिकार्ड को देखेंगे तो यही कहा जायेगा कि ये तीसरी बार है जब स्पीकर जैसे संवैधानिक पद के लिये चुनाव हो रहा है ... क्योंकि 48 साल पहले 1976 में एक प्रतीकात्मक चुनाव लोकसभा के अध्सक्ष पद के लिये हुआ था ...और उससे पहले 1952 में पहली लोकसभा के गठन के वक्त भी चुनाव हो चुका है .. वो भी एक symbolic लडाई ही ज्यादा थी। अपने देश में विपक्ष कितना भी ताकतवर या कमजोर क्यों ना रहा हो पर चुनाव की नौबत कम से कम स्पीकर जैसे सम्मानित पद के लिये कम ही हुई है। यानी जिसकी उम्मीद नही थी, वो अब कल होने जा रहा है। ...नई परंपरा बनने जा रही है ...