17वीं लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार शुक्रवार को खत्म हो गया. पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैलियों के तरीके से उनकी रणनीति साफ होती है कि किस नेता का किस राज्य पर ज्यादा जोर है. 142 रैलियां और सभाएं, 4 बड़े रोड शो और इनके ज़रिये तकरीबन डेढ़ करोड़ लोगों से संपर्क. 28 मार्च के बाद ये रहा प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम. दौरा पूरे देश का किया लेकिन फ़ोकस कुछ राज्यों पर रहा. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी मेहनत में बहुत ज़्यादा पीछे नहीं रहे. मोदी ने अगर 142 रैलियां की तो राहुल ने 125 रैलियां. इसी मेहनत के दम पर मोदी फिर से पूर्ण बहुमत पाने का दावा कर रहे हैं. तो प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी मेहनत में किसी ने कमी नहीं रखी है. किसकी मेहनत कामयाब होगी, जवाब के लिये 23 मई तक का इंतज़ार करना होगा.