स्मार्ट टीवी के दौर में प्रोग्राम्स की कोई कमी नहीं है. न ही एंटरटेनमेंट का कोई टोटा है. इसलिए ये सवाल ही नहीं उठता कि आप कुछ देख देख के ऊब जाएं. अगर आप रोमांटिक शो देखकर थक जाएं तो एक्शन मूवी देख सकते हैं. अगर कुछ नया जानने के शौकीन है साइंस बेस्ड शो देख सकते हैं. सस्पेंस और थ्रिल पसंद है तो थ्रिलर मूवी या शो देख सकते हैं. लेकिन पहले ऐसा नहीं था. पहले सिर्फ एक सामान्य टीवी हुआ करता था. जिसमें सिर्फ एक चैनल आता था, दूरदर्शन. हो सकता है कि दूरदर्शन वीक डेज पर कुछ बोरिंग हो. लेकिन लोगों के संडे को खास बनाने के लिए, उस दौर के हिसाब से इसके पास बहुत कुछ होता था. आपको बताते हैं कि साल 1995 के आसपास हर रविवार को दूरदर्शन (Doordarshan Sunday Special) क्या सौगात लेकर आता था.
दूरदर्शन संडे स्पेशल प्रोग्राम
वैसे दूरदर्शन पर रोज कोई कार्यक्रम आता था. लेकिन उसका समय फिक्स था. बाकी समय दूरदर्शन की स्क्रीन ब्लैंक दिखती थी या उस पर रंगीन धारियां दिखती थीं. या, फिर दूरदर्शन का मोंटाज नजर आया करता था. आज के चैनलों की तरह तब दूरदर्शन पर 24 घंटे शोज नहीं हुआ करते थे. लेकिन संडे की बात कुछ और ही थी. जब सुबह सात बजे से लोग टीवी स्क्रीन से चिपक कर बैठ जाया करते थे. और, फिर घंटो तक टीवी के आगे से हटते नहीं थे. काल्पनिक कहानियों पर बेस्ड सीरियल, फिल्मी गानों पर बेस्ड शो और किसी विदेशी शो का हिंदी डब्ड वर्जन तक रविवार के दिन दूरदर्शन पर नजर आता था.
ये थी दूरदर्शन की प्रोग्राम की लिस्ट
अब जान लेते हैं वो लिस्ट जो 1995 में बच्चे ही नहीं बड़ों के संडे को भी खास बनाती थी. यूट्यूब चैनल Pranab Rongpi ने इस साल दूरदर्शन पर आने वाले शोज की पूरी लिस्ट शेयर की है. इस लिस्ट के मुताबिक संडे की सुबह शुरू होती थी सुबह पांच बजे दूरदर्शन के मोंटाज के साथ. इसके बाद फिर सुबह 7 बजे हिंदी समाचार आते थे. सुबह सवा सात बजे रंगोली में हिंदी फिल्मी गाने सुने जा सकते थे. सुबह आठ बजे गार्डन फ्लावर और नौ बजे चंद्रकांता की दिलचस्प कहानी आती थी. डांस के शौकीनों के लिए दस बजे से नेशनल क्लासिकल डांस प्रोग्राम, दोपहर साढ़े ग्यारह बजे उपासना और बारह बजे उर्वशी सीरियल आते थे. दोपहर 12 से चार के बीच न्यूज और स्पोर्ट्स के प्रोग्राम आते थे और चार बजे से हिंदी मूवी आया करती थी. मूवी खत्म होते ही न्यूज और रात आठ बजे सुरभि आता था. इसके बाद विदेशी क्राइम ड्रामा शो नाइट राइडर्स के साथ संडे के शोज खत्म हो जाते थे.