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दिल्ली में सात लोकसभा सीट और कुल 70 विधानसभा सीट हैं. मौजूदा समय में दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन है. अरविंद केजरीवाल यहां के मुख्यमंत्री हैं. आम आदमी पार्टी के बनने से पहले दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला रहता था. लेकिन आम आदमी पार्टी के बनने के बाद से यहां अब मुकाबला तीनों पार्टियों के बीच है.
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दिल्ली में अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं. दिल्ली की कुल आबादी में 81.68 फीसदी हिंदू हैं, जबकि 12.86 फीसदी मुसलमान, 3.40 फीसदी सिख, 0.99 फीसदी जैन. वोट के आधार पर अगर बात करें तो दिल्ली में जाट समुदाय के पास 10 फीसदी वोट है जबकि पंजाबियों के पास 9 फीसदी, वैश के पास आठ फीसदी और गुर्जर के पास सात फीसदी वोट है.दिल्ली में कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं. हिंदी बोलने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके अलावा उर्दू, पंजाबी, बंगाली, तमिल, तेलगु, गुजराती, अग्रेजी, और सिंधी हैं.
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दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं. इनमें मुख्य रूप से नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक, उत्तर पश्चिम दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली शामिल हैं. बता दें कि 1951 - 1956 तक दिल्ली में सिर्फ तीन लोकसभा सीट होती थीं. इनमें दिल्ली सिटी, नई दिल्ली और बाहरी दिल्ली की सीटें शामिल थीं. इसके बाद 1956-1961 में दिल्ली में चार लोकसभा सीट हो गईं. इनमें नई दिल्ली, बाहरी दिल्ली, चांदनी चौक और दिल्ली सदर की सीट शामिल थी. 1961-1966 में दिल्ली में लोकसभा की पांच सीटें थीं.
इनमें नई दिल्ली, बाहरी दिल्ली, चांदनी चौक, दिल्ली सदर और करोल बाग की सीट थी. 1966-2008 तक दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें थीं. इनमें नई दिल्ली, साउथ दिल्ली, बाहरी दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, चांदनी चौक, दिल्ली सदर और करोल बाग शामिल था. दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार मुख्य रूप से मुकाबला भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, और आम आदमी पार्टी के बीच है. 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी.