मुझे पीने का शौक नहीं, पीता हूं गम भुलाने को... बॉलीवुड फिल्म का ये गाना तो आपने कभी न कभी सुना ही होगा. कई लोग आज भी अपने गम को ही शराब पीने का सबसे बड़ा बहाना बताते हैं, उनका कहना होता है कि शराब पीने के बाद वो सब भूल जाते हैं और उनका दर्द खुशी में बदल जाता है. आज हम आपको इसी केमिकल लोचे के बारे में बताएंगे कि कैसे शराब पीने के बाद लोगों को अच्छा महसूस होने लगता है और ऐसा होना कितना खतरनाक है.
ऐसे लग जाती है शराब की लत
साइंस भी इस बात को मानता है कि शराब पीने से कुछ लोगों को सुकून महसूस हो सकता है. कुछ देर के लिए टेंशन और दुख कम हो जाता है. हालांकि इस खुशी को पाने के लिए हर बार ज्यादा मात्रा में शराब पीनी पड़ती है. जैसे, अगर किसी को पहले दो पेग में खुशी महसूस होती थी, तो उसे धीरे-धीरे इसकी आदत हो जाएगी और वो वाली खुशी पाने के लिए उसे तीन से चार पेग पीने होंगे. इसी तरह ये लत बढ़ती जाती है और इंसान को सुकून मिलने के बजाय कई बीमारियां घेर लेती हैं.
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इलाज नहीं बीमारी है शराब
अब अगर आप भी शराब को अपने दर्द या फिर किसी गम के इलाज के तौर पर पी रहे हैं तो तुरंत रुक जाइए. क्योंकि भले ही ये आपको दो पल की खुशी दे रही हो, लेकिन ये आपकी जिंदगी एक झटके में तबाह कर सकती है. इससे आपका लिवर पूरी तरह से खराब हो सकता है और हार्ट की बीमारी भी हो सकती है. कई लोगों को ये लगता है कि वो सिर्फ एक गिलास शराब पीते हैं तो सुरक्षित हैं, हालांकि WHO के मुताबिक शराब की कोई भी मात्रा सेफ नहीं है.