Dating Apps क्यों नहीं यूज करना चाहते सिंगल्स? शोध से पता चली लोगों की नाराजगी की वजह 

Dating Apps Decline: आजकल डेटिंग ऐप्स की गिनती बढ़ती जा रही है लेकिन लोग डेटिंग ऐप्स के इस्तेमाल से परहेज करने लगे हैं. रिसर्च में पता चला क्या है इसकी वजह. 

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Why People Are Quitting Dating Apps: जानिए क्यों डेटिंग ऐप्स से जी चुराने लगे हैं सिंगल्स.

Relationship: एक समय था जब सुनने को मिलता था कि किसी को फलाने डेटिंग ऐप से अपना लाइफ पार्टनर मिल गया या किसी को दूसरे किसी डेटिंग ऐप से डेट करने पर ऐसा इंसान मिला जिससे उन्हें प्यार हुआ और अब साथ जीवन बिताने के बारे में सोच रहे हैं. लेकिन, अब लोगों का नजरियां इन डेटिंग ऐप्स (Dating Apps) के प्रति बदल चुका है और नाराजगी बढ़ने लगी है. लोग डेटिंग ऐप्स पर हैं तो सही लेकिन इस खुद को यह समझाकर कि किसी पर विश्वास नहीं करना या फिर कोई उम्मीद नहीं लगानी कि कोई मिलेगी ही. वहीं, लोग डेटिंग ऐप्स कुछ महीने यूज करके उन्हें डिलीट करते हैं और फिर दोबार इन ऐप्स पर आने का मन नहीं बना पाते. आखिर, डेटिंग ऐप्स की पॉपुलैरिटी अब कम क्यों होने लगी है और लोगों का इससे मोहभंग क्यों हो रहा है?  इस सवाल का जवाब पाने के लिए ही वार्विक विश्वविद्यालय के आन्ह लुओंग ने रिसर्च की जिसमें पता चला कि लोग अब डेटिंग ऐप्स से दूरी क्यों बनाने लगे हैं. 

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डेटिंग ऐप्स से दूरी क्यों बनाने लगे हैं लोग । Why People Are Quitting Dating Apps 

शोध में पता चला कि ब्रिटेन में 4 बड़े डेटिंग ऐप्स ने लाखों की संख्या में पिछले साल अपने यूजर्स खोए हैं जिसकी वजह है कि इन डेटिंग ऐप्स से लोग ऊबने लगे हैं और निराश हो गए हैं. निराशा की बड़ी वजह है ऐप के बाकी यूजर्स का गलत व्यवहार. इसके अलावा AI की वजह से गलत कनेक्शंस के रिकेमेंडेशंस आना भी एक बड़ी दिक्कत है. 

पारदर्शिता कम है 

पहले की डेटिंग वेबसाइट्स पर कई तरह के सवाल पूछकर दूसरे यूजर्स के बारे में कुछ पता लगाया जा सकता था या किसी अनजान व्यक्ति को जानने के कई ऑप्शंस थे. डेटिंग ऐप्स पर यह जानकारी सीमित हो गई है. पहले वेबसाइट्स पर यह भी पूछा जाता था कि यूजर अपने भावी पार्टनर (Future Partner) से क्या चाहता है और क्या नहीं. यह चीजें अब ऑप्शनल हो गई हैं जिनका जवाब कम ही लोग देना चाहते हैं. 

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नहीं बन रहे अच्छे कनेक्शंस 

ये डेटिंग ऐप्स एक बिजनेस मॉडल की तरह काम कर रहे हैं जिनमें अपनी पसंद का साथी ढूंढना बेहद मुश्किल काम लगने लगा है. इसके अलावा इन ऐप्स पर जबतक एक्स्ट्रा पेमेंट ना की जाए तबतक आपकी प्रोफाइल ज्यादा लोगों तक नहीं पहुंचती है. 

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सैटिसफेक्शन नहीं है 

असंतोष की भावना बढ़ने लगी है, किसी के साथ कोई सार्थक कनेक्शन नहीं बन पाता, बातें फिजूल वाली और नीरस लगने लगती हैं. यूजर्स एक दिन बात करते हैं और दूसरे दिन एकदूसरे को घोस्ट करने लगने हैं यानी कि अचानक से ही बात बंद कर देते हैं. इसके अलावा फ्लेकिंग यानी बहुत बातचीन करने के बाद आखिर में एकदूसरे को नकार देते हैं. इस तरह की चीजें डेटिंग ऐप्स पर बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं. 

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क्या निकला शोध का रिजल्ट 

आखिर में परिणाम यही निकला कि लोग अब भी डेटिंग ऐप्स यूज कर रहे हैं लेकिन वे पहले से ज्यादा समझदार होने लगे हैं और उम्मीद करते हैं कि ऐप्स पर उनका अनुभव बेहतर हो. अनुभव अच्छा नहीं होता ते वे इन ऐप्स से हट जाते हैं. इसके अलावा, यूजर्स चाहते हैं कि इन डेटिंग ऐप्स पर पारदर्शिता बढ़ जाए.

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