8 ways to overcome anger : आपने भी अक्सर लोगों को गुस्सा होने पर दरवाजा पटकते (slam door) या जोर से बंद करते देखा होगा. बच्चे हो या बड़े सभी ऐसा करते हैं. अगर आप सोचते हैं कि ऐसा सिर्फ आपके साथ होता है तो आप गलत हैं, बहुत से लोग अपना गुस्सा (Anger Management) कम करने के लिए दरवाजे पर जोर आजमाते हैं. दरअसल ये वेंटिंग इफेक्ट होता है, जिससे कि गुस्से पर काबू पाया जाता है. दरवाजा बंद करने से ही नहीं दरवाजा पार करने से भी भावनात्मक (Emotional changes) बदलाव होता है, एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने से भावनाएं बदल जाती हैं.
डोर इफेक्ट या डोर थ्रेशहोल्ड थ्योरी / door effect or door threshold theory
मनोविज्ञान के अनुसार अगर आप एक कमरे के दरवाजे को पार कर दूसरे कमरे में प्रवेश करते हैं तो आपकी भावनाओं में कुछ बदलाव आता है. वहीं दरवाजा जोर से बंद करने से जो आवाज पैदा होती है, वह गुस्से को कम करती है. भले ये असर कुछ सेकंड के लिए हो लेकिन असरदार होता है, इसे डोर इफेक्ट या डोर थ्रेशहोल्ड थ्योरी कहते हैं.
गेट जोर से बंद करने पर गुस्सा कम होने का एक कारण ये भी है कि इससे जो आवाज निकलती है, उससे दिमाग अपनी मौजूदा स्थिति से बाहर आता है और बीती बातों से बाहर आने में मदद मिलती है. इसके साथ ही खुद की गलती को समझने में भी मदद मिलती है. मनोवैज्ञानिक आर्थर जेनर ने 60 के दशक में ही इसके बारे में बताया था, उन्होंने स्क्रीमिंग थेरेपी के जरिए ऐसे लोगों का इलाज किया, जो बचपन में किसी ट्रॉमा से गुजरे थे.
डिप्रेशन का इलाज / depression treatment
दरवाजा बंद करने से होने वाली आवाज ही नहीं एक दरवाजे को पार करके दूसरे दरवाजे में प्रवेश करने से भी कई भावनाओं में बदलाव आते हैं. साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया की बॉन्ड यूनिवर्सिटी ने डोरवे इफेक्ट पर स्टडी की थी, जिसमें ये पाया गया कि अगर लोग एक से दूसरे जगह पर जाएं तो पुरानी चीजों को भूलने में मदद मिलती है, इसलिए डिप्रेशन या तनाव का सामना कर रहे मरीजों को जगह बदलने की सलाह दी जाती है.