क्‍या धोने पर कपड़े छोटे हो गए हैं? 99% लोगों को नहीं पता स‍िकुड़ने की यह बड़ी वजह, अब नहीं होंगे Shrink

Why do clothes shrink after washing: क्‍या आप जानते हैं कपड़े धोने के बाद छोटे क्‍यों हो जाते हैं. सच तो ये है क‍ि कई लोग जानते ही नहीं हैं, चल‍िए आपको ये ट्र‍िक बताते हैं क‍ि क्‍या चीज डालें क‍ि कपड़े छोटे ना हो.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
How To Keep Clothes Looking You: आखिर धोने से क्यों सिकुड़ते हैं कपड़े.

How Clothes Are Made: कपड़े आखिर क्यों सिकुड़ते हैं, यह जानने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि कपड़े बनते कैसे (Why Do Clothes Shrink) हैं. सूती और लिनन जैसे सामान्य रेशे पौधों से हासिल होते हैं. ये रेशे अपने प्राकृतिक स्वरूप में अनियमित आकार के और झुर्रीदार होते हैं. अगर आप इन रेशों के अंदर गहराई से देखेंगे, तो आपको लाखों छोटे, लंबी-शृंखला वाले सेल्यूलोज अणु नजर आएंगे, जो प्राकृतिक रूप से सर्पिल आकार में मौजूद होते हैं. कपड़ा बनाते समय इन रेशों को यांत्रिक रूप से खींचा और मोड़ा जाता है, ताकि ये सेल्यूलोज शृंखलाएं सीधी हो जाएं और कतार में आ जाएं. इस प्रक्रिया में चिकने, लंबे धागे बनते हैं. रासायनिक स्तर पर, ये शृंखलाएं ‘हाइड्रोजन बॉन्ड' से जुड़ी होती हैं, जो रेशों और धागों को मजबूत और लचीला बनाते हैं. धागों को आपस में बुना या पिरोया जाता है, जिससे वे एक-दूसरे के साथ जुड़ते हैं और कपड़े का आकार लेते हैं.

साथ धोने से कपड़ों में लग गया है दूसरे कपड़े का रंग? इस ट्रिक से एक बार में ही हो जाएगा साफ

हालांकि, इन रेशों की ‘फाइबर मेमोरी' (मूल आकृति को याद रखने की क्षमता) बहुत अच्छी होती है. यही कारण है कि ये जब भी गर्मी, नमी या यांत्रिक क्रिया (जैसे आपकी वॉशिंग मशीन में घुमाना) के संपर्क में आते हैं, तो खुद बखुद ढीले पड़ जाते हैं और अपनी मूल सिकुड़ी हुई अवस्था में लौट आते हैं. ‘फाइबर मेमोरी' के कारण ही कुछ कपड़ों पर आसानी से सिलवटें पड़ जाती हैं, जबकि कुछ कपड़े धोने के बाद सिकुड़ भी जाते हैं.

Advertisement

धोने से क्यों सिकुड़ते हैं कपड़े | Why Do Clothes Shrink After Washing

कपड़े क्यों सिकुड़ते हैं, यह समझने के लिए हमें फिर से आणविक स्तर पर जाना होगा. कपड़े धोने के दौरान, गर्म पानी रेशों के ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में मदद करता है-यानी वे तेजी से हिलते हैं, जिससे उन्हें एक-दूसरे से जोड़े रखने वाले ‘हाइड्रोजन बॉन्ड' टूट जाते हैं. रेशों को जिस तरह से बुना या पिरोया जाता है, इसकी भी अहम भूमिका होती है. ढीले बुने हुए कपड़ों में धागों के बीच ज्यादा खुली जगह और लूप होते हैं, जो उन्हें न सिर्फ अधिक लचीला और सांस लेने योग्य बनाते हैं, बल्कि उनके सिकुड़ने की संभावना भी ज्यादा होती है. कसकर बुने हुए कपड़े ज्यादा प्रतिरोधी होते हैं, क्योंकि उनमें धागों के बीच ज्यादा जगह नहीं होती है, जिससे वे (धागे) अपनी जगह पर टिके रहते हैं.

Advertisement

इसके अलावा, सेल्यूलोज ‘हाइड्रोफिलिक' होता है, यानी यह पानी को आकर्षित करता है. पानी के अणु रेशों के अंदर घुसकर उन्हें न सिर्फ फूला देते हैं, बल्कि अधिक लचीला और गतिशील बनाते हैं. इसके अलावा, वॉशिंग मशीन के अंदर ‘टंबल' और ‘ट्विस्ट' क्रिया भी होती है. इस पूरी प्रक्रिया में रेशे ढीले पड़ जाते हैं और अपनी प्राकृतिक, कम खिंची हुई और सर्पिल अवस्था में लौट जाते हैं. नतीजतन, कपड़ा सिकुड़ जाता है.

Advertisement

ठंडा पानी भी जिम्मेदार | Cold Water Is Also Responsible

कपड़े केवल गर्म पानी में धोने के कारण ही नहीं सिकुड़ते, जैसा कि आपने खुद रेयॉन से बने कपड़ों के साथ महसूस किया होगा. ठंडा पानी भी रेशों में घुसकर उन्हें फुला सकता है. वॉशिंग मशीन में कपड़े घूमने की प्रक्रिया के दौरान भी उनमें सिकुड़न आ सकती है.

Advertisement

सिकुड़न को कम करने के लिए आप कपड़े धोने के वास्ते ठंडे पानी के इस्तेमाल के अलावा वॉशिंग मशीन में सबसे धीमी ‘स्पिन' गति का चयन कर सकते हैं, खासकर सूती और रेयॉन फैब्रिक के मामले में.

ऊनी कपड़ों का क्या | What About Woolen Clothes

अलग-अलग रेशे अलग-अलग तरीकों से सिकुड़ते हैं. ऐसा कोई एक तरीका नहीं है, जो सभी के मामले में लागू होता है. सेल्यूलोज-आधारित कपड़े ऊपर बताए तरीके के अनुसार सिकुड़ते हैं, जबकि ऊन पशु से हासिल रेशा है, जो केरोटिन प्रोटीन से बना होता है. इसकी सतह छोटी-छोटी, एक-दूसरे पर चढ़ी सतहों से ढकी होती है, जिन्हें ‘क्यूटिकल' कोशिका कहते हैं. धुलाई के दौरान ये ‘क्यूटिकल' खुल जाते हैं और आस-पास के रेशों से जुड़ जाते हैं, जिससे रेशे आपस में उलझ जाते हैं. इससे कपड़े मोटे और छोटे लगने लगते हैं, दूसरे शब्दों में कहें, तो वे सिकुड़ जाते हैं.

सिंथेटिक कपड़े ज्यादा क्यों नहीं सिकुड़ते | Why Synthetic Clothes Not Shrink Much?

पॉल‍िस्टर या नायलॉन जैसे सिंथेटिक रेशे पेट्रोलियम-आधारित पॉलीमर से बने होते हैं, जिन्हें स्थिरता और टिकाऊपन के लिए डिजाइन किया गया है. इन पॉलीमर में अधिक क्रिस्टलीय क्षेत्र होते हैं, जो बेहद व्यवस्थित होते हैं और आंतरिक 'ढांचे' के रूप में काम करते हैं, जिससे कपड़े में सिकुड़न नहीं आती.

कपड़े को कैसे पुराने स्वरूप में लौटाएं | How To Restore Clothes To Original Shape

अगर आपका पसंदीदा कपड़ा धोते समय सिकुड़ गया है, तो आप इस आसान तरीके से उसे बचा सकते हैं. कपड़े को हेयर कंडीशनर या बेबी शैंपू (लगभग एक बड़ा चम्मच प्रति लीटर) मिले गुनगुने पानी में भिगोएं. फिर, उसे सावधानी से खींचकर वापस उसके मूल आकार में ले आएं और रस्सी या रैक पर टांगकर सुखाएं. यह तरकीब इसलिए काम करती है, क्योंकि कंडीशनर में ‘कैटियोनिक सर्फेक्टेंट' नामक रसायन होते हैं. ये रेशों को अस्थायी रूप से चिकना कर देते हैं, जिससे वे ज्यादा लचीले हो जाते हैं और आप उन्हें धीरे से उनके मूल आकार में वापस खींच सकते हैं.

                                                                                                                     


 

Featured Video Of The Day
Parliament Monsoon Session Viral Moment: जब Lok Sabha में विपक्ष की तरफ से गूंजा "अस्सलाम अलेकुम"
Topics mentioned in this article