Travel Trends in 2025: इन दिनों घूमने-फिरने का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है. अब लोग 'टिक-मार्क ट्रैवल' यानी घूमने की चेकलिस्ट पूरी करने वाले सफर से बोर हो चुके हैं. अब उनके लिए ट्रैवल का मतलब सिर्फ जल्दी-जल्दी जगहें घूमना नहीं रहा. पिछले कुछ समय में लोगों का सफर करने का नजरिया बदला है. टूरिस्ट्स अब रफ्तार से नहीं, ठहराव के साथ सफर का आनंद उठाना पसंद कर रहे हैं. इसी से नया ट्रेंड आया है स्लो ट्रैवल (What is low travel in hindi). इस ट्रेंड में सैलानी 3 दिन में 10 जगहों नहीं घूमते, बल्कि कम जगहों को चुनते हैं, वहां ज्यादा समय बिताते हैं. इसमें न तो दौड़-भाग, न ही सोशल मीडिया के लिए फटाफट रील्स. स्लो ट्रैवल में सफर को गहराई से महसूस करने पर जोर है. यही वजह से ही कि ये सिर्फ एक ट्रेंड नहीं बल्कि लाइफस्टाइल (Slow travel meaning and benefits in india) बनती जा रही है. तो चलिए जानते हैं आखिर ये स्लो ट्रैवल क्या है और इस साल के 5 ऐसे ट्रैवल ट्रेंड (Trending travel styles 2025 in india) जो आपको भी एक्सप्लोर करने का जबरदस्त मौका दे रहे हैं...
स्लो ट्रैवल क्या होता है (What is Slow Travel)
स्लो ट्रैवल यानी ऐसा सफर, जिसमें कम से कम भागदौड़ हो और किसी जगह के लोकल कल्चर और लाइफस्टाइल को करीब से जानने का मौका मिले. इसमें टूरिस्ट होटल छोड़कर होमस्टे में रहते हैं, लोकल खाना खाते हैं, बाजार घूमते हैं और कुछ लोग लोकल लैंग्वेज या कला भी सीखते हैं. स्लो ट्रैवल सिर्फ धीरे-धीरे घूमना नहीं है. ये एक मानसिक बदलाव है. मतलब आप किसी जगह 10 जगहें देखने की बजाय एक जगह रुकते हैं, उसकी धड़कनों को महसूस करते हैं, वहां की सिंपल लाइफ में शामिल हो जाते हैं. चाहे किसी गांव के परिवार संग खाना बनाना हो, या समुद्र किनारे किसी लाइब्रेरी में किताब पढ़ना, आप अपने रिदम पर सफर करते हैं.
स्लो ट्रैवल की डिमांड क्यों बढ़ रही है (Why Slow Travel Demand Increasing)
पिछले दो सालों में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ी है. लोगों को मानना है कि छुट्टियों का असली मकसद सुकून पाना होता है, न कि और ज्यादा थक जाना. स्लो ट्रैवल को चुनने के पीछे 3 वजहें हैं.
लगातार रिमोट वर्क करने वालों के पास अब ज्यादा फ्लेक्सिबल टाइम है, लोग ओवरटूरिज्म और फास्ट ट्रैवल से थक चुके हैं और अब एक्सपीरिएंस, शांति ज्यादा मायने रखती है, न कि फोटो या चेकलिस्ट.
ये ट्रेंड ट्रैवल का तरीका कैसे बदलता है (How Travel Trend Changing)
1. स्लो ट्रैवल न सिर्फ मेंटली रिलैक्स रखता है, बल्कि एनवायरमेंट के लिए भी फायदेमंद है.
2. कम सफर, कम ट्रांसपोर्ट और कम कार्बन उत्सर्जन.
3. होटल की बजाय लोकल होमस्टे से लोकल लोगों की इनकम बढ़ती है.
4. लंबे समय तक सफर से लोकल चीजों की ज्यादा समझ
स्लो ट्रैवल किसके लिए है (Who is Slow Travel For)
वर्क फ्रॉम होम करने वाले प्रोफेशनल्स.
बर्नआउट झेल रहे लोग जो मानसिक शांति की तलाश में हैं.
फैमिली या कपल्स जो भीड़ से दूर सुकून चाहते हैं.
ऐसे लोग जो सिर्फ टूरिस्ट नहीं स्मार्ट ट्रैवलर बनना चाहते हैं.
स्लो ट्रैवल कैसे करें (How to Start Slow Travel)
1. कोई बड़ा खर्च या तैयारी की जरूरत नहीं, सिर्फ थोड़ी सोच बदलनी है.
2. एक ही डेस्टिनेशन चुनें और वहां 7 से 10 दिन स्टे करें.
3. होटल की जगह होमस्टे या लोकल हॉस्टल चुनें.
4. पैदल घूमें या साइकिल से.
5. लोकल लोगों से बात करें, कहानियां सुनें.
6. नई चीज़ें सीखें, खाना बनाना, लोकल भाषा, कोई कला
इस साल के 5 ट्रैवल ट्रेंड्स जो तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं
1. सस्टेनेबल ट्रैवल
अब लोग पर्यावरण को ध्यान में रखकर ट्रैवल कर रहे हैं. इको-फ्रेंडली स्टे और कार्बन ऑफसेट बुकिंग्स बढ़ी हैं. इसका काफी फायदा हुआ है. लोकल लोगों की इनकम बढ़ रही हैं.
2. इमर्सिव एक्सपीरियंस
टूरिस्ट अब एक्टिविटीज करना पसंद कर रहे हैं, जैसे कुकिंग क्लास, खेती, हैंडिक्राफ्ट सीखना. घूमने के साथ कुछ नया सीखना, नया एक्सपीरिएंस दे रहा है, जो लोगों की लाइफ बदलने वाला भी बन रहा है.
3. कम भीड़ वाली जगहें
फेमस डेस्टिनेशनों के बदले लोग अब 'डिटूर डेस्टिनेशन' ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जहां शांत, सस्ते और असली चीजें देखने को मिली. ज्यादातर यूथ इस ट्रेंड को खूब फॉलो कर रहे हैं.
4. नॉस्टेल्जिक ट्रैवल
लोग अब बचपन की यादों से जुड़े डेस्टिनेशन फिर से देखना चाहते हैं. जैसे 90s कैंप, पुरानी म्यूजिक टूर इस समय काफी हिट हैं. जिन्हें अपना गांव या उससे जुड़ी याद आ रही हैं, वे इस ट्रैवल ट्रेंड को खूब अपना रहे हैं.
5. पर्सनलाइज्ड ट्रैवल पैकेज
ऑल-इनक्लूसिव लेकिन कस्टमाइज्ड ट्रैवल प्लान अब ट्रेंड में हैं, जो हर टूरिस्ट की जरूरत और बजट के हिसाब से डिजाइन होते हैं. मतलब लोग ऐसी ट्रिप चाहते हैं, जहां सब कुछ कवर हो, लेकिन उनके पसंद के हिसाब से.