आपकी केदारनाथ यात्रा को यादगार बना देगा ये खूबसूरत गांव, शिव-पार्वती का हुआ था विवाह

Triyuginarayan Temple: अगर आपको भी धार्मिक जगहों पर घूमने का शौक है तो आप केदारनाथ के पास स्थित इस गांव में जा सकते हैं, यहां आपको वो जगह मिलेगी, जहां भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
शिव और पार्वती का विवाह स्थल है ये मंदिर

भगवान शिव के दर्शन करने के लिए हर साल लाखों लोग केदारनाथ पहुंचते हैं. कई घंटों तक पैदल चलने के बाद जब बाबा केदार के दर्शन होते हैं तो लोग सारी थकान भूल जाते हैं और जयकारे लगाने लगते हैं. अगर आप भी केदारनाथ की यात्रा का प्लान बना रहे हैं या फिर कुछ ही दिनों में जाने वाले हैं तो ये यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम है.  आज हम आपको केदारनाथ के पास बसे एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं, जिसे देखे बिना अगर आप लौट आए तो अफसोस जरूर होगा. ये एक ऐसा गांव है, जिससे भगवान शिव और पार्वती की ऐसी कहानी जुड़ी है, जिसे शायद ही लोग जानते हों. यहां बने मंदिर का भी अपना खास महत्व है. 

भगवान शिव का हुआ था विवाह

केदारनाथ यात्रा फिलहाल चल रही है और 23 अक्टूबर को कपाट बंद होने वाले हैं. इससे पहले अगर आप केदारनाथ जाने वाले हैं, तो कम से कम एक दिन जरूर एक्स्ट्रा लेकर चलें. केदारनाथ मंदिर के अलावा भी यहां कई ऐसे पवित्र स्थल हैं, जिन्हें देखकर आप तृप्त हो जाएंगे. ऐसा ही एक मंदिर त्रियुगीनारायण भी है, जो भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर है. ये वही स्थल है, जहां भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. ये मंदिर त्रियुगीनारायण गांव के बीचों बीच स्थित है.

भारत का मसाई मारा है ये जगह, वाइल्ड लाइफ के अलावा इन चीजों के लिए है मशहूर 

इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां आज भी वो अग्नि जल रही है, जिसे साक्षी मानकर शिव-पार्वती ने विवाह किया था. यही वजह है कि आज भी कई लोग यहां आकर शादी करते हैं. आज ये डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पसंदीदा जगह बन गई है. भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल पर लोग सात फेरे लेते हैं और अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत करते हैं. 

खास तरह से होती है पूजा

यहां पर पूजा के लिए अलग-अलग राज्य के लिए पुरोहित होते हैं. इनके पास वो पोथी भी होती है, जिनमें आप अपने पूर्वजों के नाम भी देख सकते हैं. आपको सिर्फ अपने राज्य और जिले का नाम बताना होता है. यहां पर कुल चार कुंड हैं, जिनमें से दो में पंचस्नान किया जाता है. पहले कुंड का नाम ब्रह्मकुंड और दूसरे रुद्रकुंड है. इसके अलावा विष्णुकुंड और सरस्वती कुंड भी हैं. 

कैसे पहुंच सकते हैं आप?

अगर आप केदारनाथ की यात्रा कर रहे हैं तो आपको इसी रूट पर ये मंदिर मिलेगा. आप चाहें तो केदारनाथ दर्शन करने के बाद भी त्रियुगीनारायण गांव पहुंच सकते हैं. यहां जाने के लिए आपको पहले सोनप्रयाग पहुंचना होगा. इसी जगह से केदारनाथ की यात्रा शुरू होती है. त्रियुगीनारायण गांव की दूरी सोनप्रयाग से करीब 13 किमी दूर है, आप अपनी कार से सीधे यहां तक पहुंच सकते हैं. 

Featured Video Of The Day
Pawan Singh ने पत्नी Jyoti के लिए क्यों बुलाई थी Police? खुद बताया पूरा सच | Syed Suhail | #bihar