World Radio Day: इस दिन के लिए क्यों चुना गया 13 फरवरी का ही दिन, रेड‍ियो ऐसे बना लोगों को जोड़ने का जर‍िया

इस मौके पर ऑल इंडिया रेडियो गुवहाटी एक खास शो ऑर्गेनाइज कर रहा है. जिसमें आम लोग जाकर अपना टैलेंट दिखा सकते हैं. आप सिंगिंग डांसिंग, एक्टिंग या पोयम सुनाने में माहिर हैं तो आज का दिन आपके लिए खास हो सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
आप सिंगिंग डांसिंग, एक्टिंग या पोयम सुनाने में माहिर हैं तो आज का दिन आपके लिए खास हो सकता है.

World Radio Day: मोबाइल का दौर शुरू होने के बाद ऐसे बहुत से घर होंगे जहां अब रेडियो शायद ही नजर आता हो. होगा भी तो उसे बजते हुए कम ही बच्चों ने देखा होगा. लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब हर घर में रेडियो (History Of World Radio Day) हुआ करता था. और, लोग पूरे इंटरेस्ट के साथ उसे सुना करते थे. उन्हीं दिनों की याद में हर साल रेडियो डे (Why World Radio Day  Celebrated) मनाया जाता है. 13 फरवरी को सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है. इस मौके पर ऑल इंडिया रेडियो गुवहाटी एक खास शो ऑर्गेनाइज कर रहा है. जिसमें आम लोग जाकर अपना टैलेंट दिखा सकते हैं. आप सिंगिंग डांसिंग, एक्टिंग या पोयम सुनाने में माहिर हैं तो आज का दिन आपके लिए खास हो सकता है.

ये है खास थीम (Radio Day Theme)

  • हर साल की तरह आज भी रेडियो डे पर खास थीम रखी गई है. जिसे रेडियो एंड क्लाइमेट चेंज का नाम दिया गया है.
  • इस थीम के तहत रेडियो के रोल पर भी चर्चा होगी. जिसमें रेडियो किस तरह क्लाइमेट चेंज पर अवेयरनेस क्रिएट कर सकता है ये बेसिक थीम रहेगी.
  • गुवहाटी यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर अबानी कुमार भागाबती इस सेशन को कंडक्ट करने वाले हैं.
  • इस बारे में एआईआर गुवाहाटी के ट्रांसमिशन एक्जिक्यूटिव इंद्रजीत दास ने कहा कि कभी प्रोग्राम्स टैप्स और ग्रामोफोन्स के जरिए सुने जाते थे. लोग रेडियो शीट से भी प्रोग्राम सुना करते थे. पर धीरे धीरे सब बदल गया और फिर प्रोग्राम सीडी के जरिए सुने जाने लगे. समय के साथ साथ रेडियो की ब्रॉडकास्टिंग में भी बहुत बदलाव आया है. और अब सब डिजिटल हो गया है.

कितना बदला रेडियो (How Radio Change Over The Years)

टेक्नोलॉजी के साथ साथ रेडियो में भी काफी बदलाव आए हैं. इसकी शुरुआत 20वीं सदी से हुई थी. तब से अब तक रेडियो अपने डिजिटल अवतार में पहुंच चुका है. इस दरम्यान रेडियो कई तरह के सिग्निफिकेंट ट्रांसफरमेशन से भी गुजरा है.

वर्ल्ड रेडियो डे की शुरुआत (History Of World Radio Day)

  • रेडियो डे को इंटरनेशनल लेवल पर मनाने का प्रस्ताव साल 2011 में रखा गया.
  • तब यूनेस्को के मेंबर स्टेट्स ने युनाइटेड नेशन्स एसेंबली में ये प्रस्ताव रखा. जिसे साल 2012 में इंटरनेशनल डे के रूप में मनाने की मान्यता मिल गई.
  • 13 फरवरी अमेरिका के रेडियो इतिहास में एक यादगार तारीख है. साल 1946 में पहली बार अमेरिका से रेडियो ट्रांसमिशन किया गया. और उसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी रेडियो का काम शुरू कर दिया.
  • विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद पहली बार रेडियो डे लाइफलाइन एनर्जी, फ्रंटलाइन एसएमएस, एसओएएस रेडियो और एंपावर हाउस लंदन ने बड़े कार्यक्रम आयोजित किए.

असम में कब हुई शुरुआत

  • आसाम में रेडियो की शुरूआत आकाशवाणी से ही हुई थी.
  • साल 1948 में गुवहाटी से ये सफर शुरू हुआ.
  • साल गुजरते गुजरते दिलबर्ग, तेजपुर  और सिलचर में भी रेडियो स्टेशन शुरू किए गए.
  • साल 2000 से यहां कम्यूनिटी रेडियो भी शुरु हुए.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Advertisement

Advertisement
Featured Video Of The Day
America Attacked Yemen | अमेरिका ने यमन के Houthis विद्रोहियों पर किया हमला, 9 नागरिकों की मौत
Topics mentioned in this article