उत्तर प्रदेश के संभल के पास स्थित हैं ये खूबसूरत जगह, नए साल पर घूमने का बना लें यहां का प्लान

संभल इन दिनों बहुत चर्चा में है, अगर आप भी पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chouhan) के भी अधीन रहने वाले शहर को घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आसपास मौजूद इन जगहों पर भी जा सकते हैं.

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आप अगर वीकेंड पर कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो इन जगहों पर जा सकते हैं.

Tourist Spot Near Sambhal: उत्तर प्रदेश का एक जिला संभल, इन दिनों बहुत सुर्खियों में हैं. ये जिला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ से संभल जिले (Sambhal District) की दूरी लगभग 380 किमी है. अगर बात करें दिल्ली से तो ये जगह मात्र 180 किमी की दूरी पर है. आपके बता दें कि पहले इस जिले का नाम भीम नगर था. जिसे 23 जुलाई 2012 को बदल दिया गया. इसके बाद इस जगह का नाम किया गया संभल. ये शहर इन दिनों जितना सुर्खियों में है, उतना ही ऐतिहासिक महत्व भी रखता है. क्योंकि, इस शहर का इतिहास मुगलों के दौर से जुड़ा है. मुस्लिम बादशाहों के अधीन रहने के अलावा ये शहर पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chouhan) के भी अधीन रहा है. ये जगह अपने आप में खूबसूरत है. इसके आसपास भी घूमने के बहुत से स्थान हैं. आप अगर वीकेंड पर कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो इन जगहों पर जा सकते हैं.

संभल में हरि बाबा बांध धाम मंदिर को देखने हजारों भक्त आते हैं.

संभल के पास स्थित टूरिस्ट स्पॉट | Tourist Spot Near Sambhal

मुरादाबाद

मुरादाबाद की संभल से दूरी है करीब 37 किमी. ये शहर दिल्ली से भी करीब 167 किमी की दूरी पर ही स्थित है. इस सिटी की पहचान ब्रास सिटी के तौर पर भी होती है. उसकी वजह है यहां बनने वाले पीतल के अलग अलग तरह के सामान. मुरादाबाद अपने मंदिरों के लिए भी जाना जाता है. यहां महाकाल भैरवनाथ मंदिर है, काली माता का भी प्रसिद्ध मंदिर यहां स्थित है. इसके अलावा सिद्धपीठ श्री बालाजी और हठीले हनुमान जी का मंदिर भी यहां स्थित है. इस शहर के पास से राम गंगा भी बहती है. जो शहर के एक एक नजारे को मनोरम बनाती है.

रामपुर

संभल से सिर्फ 59 किमी की दूरी पर स्थित है रामपुर. जो एक ऐतिहासिक शहर के रूप में पहचान रखता है. इस शहर में नवाबी दौर की बहुत सी इमारतें अब भी मौजूद हैं. जो शहर को अलग पहचान देती हैं. आम लोग इस शहर को जाने न जाने लेकिन रामपुरी चाकू से जरूर वाकिफ होंगे. आपको बता दें कि वो फेसम चाकू भी इसी शहर में बनता है. चाकू उद्योग के लिए रामपुर ने खास पहचान बनाई है. इसके अलावा यहां रामपुर फोर्ट और ऐतिहासिक लाइब्रेरी भी देखने लायक है.

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बुलंदशहर

संभल से 83 किमी की दूरी पर है बुलंदशहर. जैसा नाम है वैसी ही पहचान है. असल में इस शहर में 12 सौ ईसा पूर्व की इमारतें मौजूद हैं. जो आज भी बुलंदी के साथ खड़ी हैं. बुलंदशहर में आप मलका पार्क, खुर्जा देवी का मंदिर, कुचेसर का किला और बरन टावर जैसी जगह देख सकते हैं. सिरेमिक आर्ट के शौकीन हैं तो यहां आप को बहुत सारी वैरायटी देखने को मिल जाएगी.

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वृंदावन

कृष्ण की नगरी वृंदावन, संभल से करीब 164 किमी की दूरी पर स्थित है. मथुरा जिले में स्थित वृंदावन राधा रानी और कृष्ण दोनों की भक्ति में रमा हुआ शहर है. इस शहर में आप बांके बिहारी मंदिर, प्रियाकांत जी का मंदिर, रंगनाथ मंदिर, प्रेम मंदिर, निधिवन और पागल बाबा का मंदिर जैसे स्थानों पर घूम सकते हैं.

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संभल

जब संभल के आसपास घूमने के स्थानों के अलावा संभल खुद अपने आप में एक दर्शनीय शहर है. जहां ऐसे स्थानों की कमी नहीं है. जिन्हें आप एक्सप्लोर कर सकते हैं. ये ऐतिहासिक इमारतों के साथ ही धार्मिक स्थलों के मामले में भी समृद्ध शहर है. संभल में आप कल्कि माता का मंदिर देख सकते हैं. ये मंदिर भगवान विष्णु के भक्तों के लिए खास जगह है. ये मान्यता है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार इसी मंदिर में स्थित मूर्ति के रूप में होगा. कल्कि मंदिर के अलावा शहर का मनोकामना मंदिर भी देखने लायक है. इस मंदिर में बाबा राम मणि की समाधि स्थित है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर में आने से कई रोगों से छुटकारा मिल जाता है. कैला देवी का मंदिर भी माता के भक्तों के लिए एक अलौकिक स्थान है. जहां माना जाता है कि देवी खुद शेर पर सवार होकर हर नवरात्रि में यहां आती हैं. इसके अलावा ऐतिहासिक घंटाघर भी खूब देखने लायक है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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