Benefits Of Soaking Rice: भारत में अधितर लोग दोपहर में भरपेट चावल खाना पसंद करते हैं लेकिन इससे उनींदापन और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है. चावल को पकाने से पहले कुछ समय पहले पानी में भिगोकर (Soaking rice) रखने से इन समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है. चावल को भिगोकर रखने से उसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और पोषण प्रोफ़ाइल पर असर पड़ता है. चावल को शुगर लेवल (sugar level) से भी जोड़ा जाता है और आमतौर पर डायबिटिज के मरीजों को चावल नहीं खाने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं चावल को पकाने से पहले भिगोकर रखने से क्या फायदे (Benefits of Soaking rice before cooking) होते हैं….
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) क्या है
विशेषज्ञों के अनुसार जीआई यह मापने का तरीका है कि भोजन में कार्बोहाइड्रेट कितनी तेजी से ब्लड में शुगर लेवल बढ़ाता है. कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ अधिक धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे ब्लड में शुगर लवल में धीरे-धीरे बढ़ता है लगातार एनर्जी मिलती रहती है. चावल को भिगोना उसके एंजाइमैटिक ब्रेकडाउन कर जीआई को कम करने में मदद करता है जिससे ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
एंजाइमैटिक ब्रेकडाउन क्या है
विशेषज्ञों के अनुसार जब चावल को भिगोया जाता है, तो चावल में एंजाइमैटिक ब्रेकडाउन होता है. एंजाइमैटिक ब्रेकडाउन एक प्रोसेस है जिसमें चावल के दानों में प्राकृतिक रूप से मौजूद कुछ एंजाइम जटिल कार्बोहाइड्रेट को सरल ग्लूकोज में तोड़ना शुरू कर देते हैं. यह एंजाइमेटिक गतिविधि चावल को पचाने में मदद करती है, जिससे शरीर के लिए इसमें मौजूद पोषक तत्वों को पचाना और अवशोषित करना आसान हो जाता है.
सेहत को लाभ
चावल के एंजाइमैटिक ब्रेकडाउन से फाइटिक एसिड और टैनिन जैसे एंटीन्यूट्रिएंट्स ब्रेक हो जाते हैं और इससे बॉडी को विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार ये चावल को भिगोने पोषक तत्व अवशोषण में सुधार होता है.
साइड इफेक्ट्स
विशेषज्ञों के अनुसार डायबिटिज के मरीजों को सीमित मात्रा में चावल खाना चाहिए. चावल को पकाने से पहले चार घंटे से अधिक नहीं भिगोना चाहिए. ज्यादा भिगोने से कुछ विटामिन और खनिज पानी में घुल सकते है. आहार विशेषज्ञ खाना पकाने से पहले भीगे हुए चावल को अच्छी तरह से धोने का भी सुझाव देते हैं क्योंकि इससे निकलने वाले अतिरिक्त स्टार्च को हटाने में मदद मिलती है.