बच्चे को पढ़ने में तेज कैसे बनाएं? अगर बच्चे का पढ़ाई में मन ना लगे तो क्या करें, जान‍िए यहां

बच्चा पढ़ाई में कमजोर हो तो क्या करना चाहिए? बहुत से माता-प‍िता इस सवाल का जवाब नहीं जानते हैं. अगर उनको यह राज पता चल जाएगा तो हर बच्‍चा कहेगा मुझे पढ़ना है मां, पढ़ा दो ना.

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बच्चे का दिमाग पढ़ाई में कैसे लगाएं?

Parenting Tips: बच्चों की पढ़ाई को लेकर पैरेंट्स की सबसे बड़ी चिंता यही रहती है कि बच्चा किताबों में मन क्यों नहीं लगाता और एग्जाम (Exam Ki Taiyari Kaise Karwayen) आते ही तनावग्रस्त क्यों हो जाता है. अक्सर माता-पिता उन्हें बार-बार रटवाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इसका असर उल्टा पड़ता है. बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने का आसान तरीका है कि उन्हें धीरे-धीरे पढ़ने और समझने की आदत डालें. एक्सपर्ट पूनम मेहरा ने इस संबंध में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है. उनका कहना है कि अगर पैरेंट्स पढ़ाई (Padhane Ke Interesting Tarike) को जॉयफुल और इंटरेस्टिंग बना दें तो बच्चे खुद ही सीखने लगते हैं और बिना किसी दबाव के एग्जाम में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं.

ऐसे बनेगी पढ़ाई मजेदार (How To Make Study Interesting?)

पढ़ाई को मजेदार बनाइए
पढ़ाई कभी भी बोझ की तरह नहीं होनी चाहिए. एक्सपर्ट पूनम मेहरा की सलाह है कि सबसे पहले बच्चों के साथ हफ्ता-दस दिन रेगुलर टाइम बिताना शुरू कीजिए. इस दौरान उन्हें किसी स्टोरी बुक से पढ़ाना शुरू करें. शुरुआत सिर्फ एक पैराग्राफ से करें. फिर बच्चे से कहें कि उसे जो लाइनें अच्छी लगीं, उन्हें अंडरलाइन करे. इससे बच्चा न सिर्फ एक्टिवली पढ़ेगा बल्कि मजे भी लेगा.
धीरे-धीरे जब बच्चा इस आदत में ढल जाए, तब उसे स्टोरी बुक से हटाकर एकेडमिक बुक की ओर शिफ्ट करें. पहले दो-चार लाइन, फिर एक पैराग्राफ और उसके बाद दो पैराग्राफ पढ़वाइए. इसी तरह बच्चा धीरे-धीरे पूरे चैप्टर पढ़ने लगेगा.

बार-बार पढ़ने की आदत डालें
हमारे बच्चे अक्सर रटकर भूल जाते हैं. लेकिन अगर हर चैप्टर को धीरे-धीरे दस बार पढ़ने की आदत डलवा दी जाए तो बच्चा बिना रटे हर सवाल का जवाब खुद दे सकेगा. ये एक तरह की प्रैक्टिस है, जो उसे एग्जाम टाइम पर कॉन्फिडेंट और टेंशन-फ्री बना देगी.

बच्चों को समझाइए, दबाव मत डालिए
अक्सर पैरेंट्स बच्चों से उम्मीद रखते हैं कि वो हमेशा टॉप करें. लेकिन असली राज़ है – बच्चों को समझाना, उन पर दबाव डालना नहीं. जब बच्चा पढ़ाई को जॉयफुल और इंटरेस्टिंग पाएगा तो वो खुद ही पढ़ाई में मजा लेने लगेगा. एग्जाम सिर्फ एक टेस्ट है, लाइफ का एंड नहीं. ये बात बच्चों को बार-बार समझाना जरूरी है.

पैरेंट्स के लिए छोटी-छोटी टिप्स
• रोज थोड़ा-थोड़ा लेकिन रेगुलर पढ़ाइए.
• बच्चे को खुद चुनने दीजिए कि उसे कौन सा हिस्सा अच्छा लगता है.
• पढ़ाई के बीच में हल्की-फुल्की बातें और कहानियाँ जोड़ें.
• बार-बार रटवाने के बजाय बार-बार पढ़ने पर जोर दें.
• बच्चों को मोटिवेट करें, उनकी तारीफ करें.

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नतीजा – टेंशन-फ्री पढ़ाई और बेस्ट रिजल्ट

  • अगर पैरेंट्स ये छोटी-छोटी ट्रिक्स अपनाएं तो बच्चों के लिए पढ़ाई आसान और मजेदार बन सकती है. बच्चे बिना तनाव लिए हर सवाल का जवाब खुद सोचकर देंगे. और सबसे अच्छी बात ये होगी कि उनकी पढ़ाई एक बोझ नहीं बल्कि आनंद का जरिया बन जाएगी.
  • इसलिए अब बच्चों को आंसर रटाने की जगह, उनके साथ पढ़ाई को जॉयफुल बनाइए. थोड़े दिन की मेहनत है, लेकिन लंबे वक्त तक बच्चे न सिर्फ अच्छे मार्क्स लाएंगे बल्कि पढ़ाई से दोस्ती भी कर लेंगे.

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