Best Way To Eat Almonds: बादाम खाने से कैंसर भी हो सकता है. अब कई लोग कहेंगे कि यह क्या मजाक है. जी हां, अगर आपने इस लेख को पूरा नहीं पढ़ा, तो आपको कभी भी नहीं पता चलेगा कि बादाम (Almond) खाने से कैसे कैंसर (Cancer) हो सकता है. सदगुरु जग्गी वासुदेव बादाम खाने के सही तरीके के बारे में बता रहे हैं. उनका कहना है कि बादाम को ब्रेन बूस्टर भी कहा जाता है. रोजाना बादाम खाने से स्मरण शक्ति कई गुना बढ़ती चली जाती है. बादाम खाना सेहत के लिए हर मायनों में फायदेमंद होता है. लेकिन बादाम खाने में कई लोग अकसर बहुत बड़ी गलती कर देते हैं. जानकर हैरानी होगी कि अगर बादाम को सही तरीके से नहीं खाया तो कैंसर होने का खतरा पैदा हो सकता है. आइए इस लेख में हम आपको बताते हैं कि बादाम को खाने का सबसे सही तरीका क्या है.
बादाम खाने में ना करें यह गलती (Don't make the mistake of eating almonds)
कई लोग हैं, जो बादाम को मुट्ठी में भर चलते-फिरते या ऑफिस में खाने लगते हैं. यह कई मायनों में यह हानिकारक हो सकता है. यह भी मान्यता है कि बादाम को भिगोकर खाना चाहिए. ऐसे में कई लोग रात को एक बाउल में बादाम भिगोकर रख देते हैं और सुबह होने पर उन्हें खा लेते हैं, लेकिन यह बादाम भिगोकर खाने वाले लोग भी अकसर एक बड़ी गलती कर देते हैं.
कैसे खाने चाहिए बादाम (How Almond Sould Be Eaten)
बादाम खाना चाहिए और बादाम को भिगोकर खाना चाहिए यह दो अलग-अलग बात है, जो अमूमन लोग जानते हैं, लेकिन बादाम को भिगोकर और फिर उसे छीलकर खाना चाहिए, इस बात से बहुत कम लोग वाकिफ हैं. दरअसल, बादाम को भिगोकर और फिर उसे छीलकर खाने से कैंसर होने के चांस कम हो जाते हैं.
बादाम छीलकर खाने के पीछे का फैक्ट क्या है (Facts Behind Eating Peeling Almond)
बता दें, बादाम के छिलके के नीचे कुछ तत्व होते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं. बादाम में कुछ ऐसे कैमिकल होते हैं, जिनसे कैंसर होता है, ऐसे में जब उन्हें पानी में भिगोते हैं, तो वह सतह पर आ जाते हैं. बादाम में कैंसर पैदा करने वाले ये कैमिकल छिलके के ठीक नीचे होते हैं, ताकि कीड़े उन्हें खाए ना. ऐसे में जब बादाम को भिगोकर उसके छिलके को निकाल देते हैं, तो कैमिकल और कीड़े दोनों ही बाहर रह जाते हैं और फिर आपके सामने होते हैं एकदम प्योर बादाम.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.