Child Mental Health: बढ़ता स्‍क्रीन टाइम बच्‍चों के दिमाग को कर रहा है कमजोर, नई रिसर्च में हुआ खुलासा

Babies with phones : नए शोध में यह पाया गया है कि डिजि‍टल एक्टिविटी बढ़ने से बच्‍चों का फिजिकल और फंक्‍शन ब्रेन तेजी से कमजोर हो रहा है जिससे उनकी याददाश्‍त और सुनने की क्षमता तक कम हो रही है और भाषा पर भी इसका निगेटिव असर पड़ रहा है.

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Researchers : बच्चे को देते हैं मोबाइल तो जान लें उसके नुकसान.

Screen Time Side Effects On Kids: इन दिनों घर घर में लोग टीवी और मोबाइल को अपने एंटरटेनमेंट (Entertainment) का एक मात्र जरिया बना लिए हैं. यहां तक की छोटे बच्‍चे (Kids) बाहर खेलने कूदने की बजाय, टीवी, मोबाइल, (Mobile) कंप्‍यूटर पर घंटों समय बिता रहे हैं. ऐसे में एक डाराने वाला शोध सामने आया है. नई रिसर्च में पाया गया है कि स्‍क्रीन टाइम (Screen Time) अधिक होने की वजह से 12 साल से कम उम्र के बच्चों के दिमाग पर इसका काफी गलत असर देखने को मिल रहा है.शोध में पाया गया है कि ब्रेन के फिजिकल और फंक्‍शनल बदलावों (Physical Changes) का असर उनके ग्रोथ को काफी प्रभावित कर रहा है. आपको बता दें कि रिसर्च में 30,000 लोगों को शामिल किया गया था.

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क्‍या होता है नुकसान (Screen Time Sideeffects On Kids)

रिसर्च में पाया गया कि स्क्रीन टाइम बढ़ जाने से बच्‍चों के दिमाग के काम करने की क्षमता घट रही है, याददाश्‍त क्षमता कमजोर हो रही है, प्‍लानिंग में परेशानी महसूस होती है और सिचुएशन बदलने पर उनकी प्रतिक्रिया में बदलाव की गति भी धीमी हो जाती है. इसके अलावा, छूने, दबाने, गर्मी, ठंड और दर्द जैसी संवेदनाएं भी कम होने लगती है. यह शोध अर्ली एजुकेशन एंड डेवलपमेंट में पब्लिश किया गया.

आंखों पर हो रहा है ये असर 

  • लैपटॉप, मोबाइल स्क्रीन की अल्ट्रावायलेट लाइट आंखों के लिए हार्मफुल होती हैं.
  • आंखों की स्लीप साइकिल डिस्टर्ब होती है, जिससे नींद कम आती है.
  • आंखों के रेटिना पर असर पड़ता है.
  • कम रोशनी या लेट कर मोबाइल चलाने से कई शारीरिक दिक्कतें भी आती हैं.
  • ब्लिकिंग कम होकर 10 से 11 बार रह जाती है, जिससे कोर्निया सूख जाता है.

कितना खतरनाक

इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्‍य डिवाइस बेस्‍ड शोध में यह पाया गया था कि टैब यूज करने वालों का ब्रेन फंक्‍शन और प्रॉब्‍लम सॉल्विंग टास्‍क सबसे बुरे हाल में पाया गया. वैज्ञानियों ने पाया है कि ऐसी समस्‍याओं से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि बच्‍चों का स्‍क्रीन टाइम कम किया जाए और पॉलिसीमेकर इस दिशा में उचित गाइडेंस दें.  

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